लक्ष्मण झूला का इतिहास, घूमने की जगह, कैसे पहुंचे!

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आज से 144 साल पहले बना लक्ष्मण झूला ऋषिकेश में गंगा नदी पर स्थित है। यह झूला ब्रिटिश साम्राज्य के समय में बना है। परंतु 2020 में यात्रियों की सुरक्षा देखते हुए लक्ष्मण झूले को पूर्णत या बंद कर दिया गया है। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्ध झूला है।

इतिहास व सतयुग कथा के अनुसार भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने इसी स्थान से जुट की रसिया के सहारे गंगा नदी को पार किया था। इस पुल के पश्चिमी किनारे पर भगवान लक्ष्मण का प्रसिद्ध मंदिर है। जबकि इस पूल की दूसरी और श्री राम जी का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि श्री राम जी ने खुद इस पुल के सहारे गंगा नदी को पार किया था।

कब हुआ लक्ष्मण झूले का निर्माण

लक्ष्मण झूले का इतिहास बहुत पुराना है। इस पुल का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था। 1923 में इस इस पुल की नींव ब्रिटिश कार्यालय के दौरान रखी थी, लक्ष्मण झूला 1929 में बनकर तैयार हुआ था। इसे बनाने में तकरीबन 5 साल का समय लग गया था, यह पुल 1930 मै लोगों के आने जाने के लिए खोल दिया गया था। इस पुल के निर्माण मै कही लोगो की अहम भूमिका रही है। इस पुल की खास बात यह है कि यह पहले जुट की राशियों से बना हुआ था,बाद में अग्रेजों ने इसे लोहे के तारों से मजबूत बना दिया था। लोगों की सुरक्षा ओर पुल की नींव कमजोर पड़ने के कारण लक्ष्मण जुले को आने जाने के लिए बंद कर दिया गया है।

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लक्ष्मण जुले का इतिहास

कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है, की भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसी जगह से दो जुट की राशियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था। जो कि 284 फीट लंबा था जिसे आज लक्ष्मण जुले के नाम से जाना जाता है। 1989 तक इस पुल का उपयोग एक गांव से दूसरे गांव तक जाने के लिए किया जाता था। परन्तु 1924 मै आईं खतरनाक बाढ़ के कारण लक्ष्मण जुले को काफी नुकसान पहुंचा। उसके बाद इस पूल को लोहे के पूल के रूप में बदल दिया गया, जिससे इस पुल की मजबूती और बढ़ गई।आज के समय में यह पुल पर्यटकों के दिल पर राज करता है। परन्तु इस पुल पर आना जाना सुरक्षात्म नहीं है।

लक्ष्मण जुले तक कैसा पहुंचे

अगर आप लक्ष्मण झूला घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो, यह तरीके अपनाए। अगर आपके पास अपना पर्सनल साधन है तो आप उसकी मदद से लक्ष्मण झूले तक आसानी से पहुंच सकते हैं, आदर्श ग्राम ifsbt से सिर्फ 12 किमी दूर है, यहां आप ऑटो रिक्शा किराए पर लेकर भी आ सकते है। अगर आप ट्रेन से आ रहे है तो, लक्ष्मण जुले के पास ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है,जो आदर्श नगर से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। जा से आप ऑटो रिक्शा की मदद से आ सकते है । अगर आप फ्लाइट से आ रहे है तो देहरादून में (जोली ग्रांट हवाई अड्डा) है, जो कि लक्ष्मण जुले से 22 किमी दूर है, स्टेशन या हवाई अड्डे से जाने की लिए आप लोकल बस या पर्सनल टैक्सी को उपयोग कर सकते है ।

लक्ष्मण जुले के आस पास का नजारा

लक्ष्मण झूले के आसपास घूमने लायक कई सारी जगह है, झूले के पास कहीं सारे मंदिर है। पहला मंदिर 13 मंजिलें जॉकी त्रंबकेश्वर मंदिर है,जो लक्ष्मण झूले के काफी करीब है। यहां एक ओर मंदिर है जिसे 13 मंजिल के नाम से जाना जाता है ,यह भी लक्ष्मण झूले के पास स्थित है। यहां के आसपास के नजारे बेहद शानदार दिखते है, आप जब भी लक्ष्मण झूले घूमने आए तब 13 मंजिल पर जाना नहीं बुले। लक्ष्मण झूले में अन्य प्रमुख मंदिर अखिलेश्वर महादेव मंदिर और श्री रघुनाथ जी मंदिर भी है, अगर आपके पास समय है तो एक बार इन मंदिरों में जरूर जाए।

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लक्ष्मण झूला अभी तो बंद है पर जब भी खुले आप इस पुल का नजारा उठाना ना भूले, पुल के दोनों ओर काफी शानदार बाजार दिखाई देगे, जहां से आप लकड़ी के समान,देवी देवताओं की मूर्तियां, रत्न, लोकल ज्वेलरी, जैसी कही चीजें खरीद सकते है। साथ ही यहां का स्ट्रीट फूड न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए बल्की पर्यटकों के लिए भी काफी खास और टेस्टी है।

लक्ष्मण जुले पर घूमने का सबसे अच्छा समय

आप अगर हरिद्वार और ऋषिकेश घूमना जाना चाहते हैं। और वहां लक्ष्मण झूले का अनुभव लेना चाहते हैं तो दिसंबर से फरवरी के महीना यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट है। इन महीना में मौसम बेहद सुहाना और ठंडा रहता है। अगर आप का मन गर्मी या बारिश में जाने का हो तो, आप यहां कभी भी जा सकते हैं। यहां पर 12 ही महीने सुंदर नजारे होते हैं!

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