अगर आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ मनाली जाने का प्लान बना रहे हैं तो, इस जगह पर जाना ना भूले। मनाली खूबसूरत और प्रकृति के स्थलों में से एक है वशिष्ठ मंदिर, मनाली का पर्यटक स्थल पर्यटकों को खूब पसन्द आता है। यहां के खूबसूरत नजारे ओर ठंडे पहाड़ों की वजह से मनाली शहर में घूमने का अलग ही आनन्द आता है। मनाली से 3 किलोमीटर की दूरी पर वशिष्ट मंदिर वशिष्ठ गांव में स्थित है।मंदिर के आसपास से गर्म पानी के झरने मौजूद है। इन झरने के बारे में ऐसी मान्यता है, कि यहां जो व्यक्ति स्नान कर लेता है उसे गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर करीब 4000 साल से भी ज्यादा पुराना है। मंदिर के अंदर ऋषि वशिष्ठ के काले पत्थर की मूर्ति है। यहां श्री राम,लक्ष्मण और सीता जी की मूर्तियां भी स्थापित है । आप एक बार वशिष्ट मंदिर मैं जरूर जाए।
वशिष्ठ मंदिर मनाली का इतिहास

वशिष्ठ मंदिर के इतिहास की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित वशिष्ठ गांव में यह मंदिर 4000 साल पुराना है। इस मंदिर के आसपास काफी गर्म पानी के झरने मौजूद है। यह मंदिर बिपाशा नदी के किनारे है, जिसे अभ व्यास नदी के नाम से जाना जाता है यह मंदिर पारंपरिक हिमाचली स्थापत्य शैली में बनाया गया है और यह मंदिर लकड़ी वह पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर इस शहर के सबसे पुराने मंदिर में से एक है। वशिष्ठ मंदिर हिंदुओं के लिए अत्यधिक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है।
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Vashisht Mandir Manali में दर्शन का समय ओर शुल्क
वशिष्ठ मंदिर का खुलने और बंद होने का समय कुछ इस प्रकार है।
- वशिष्ठ मंदिर मैं दर्शन का समय: सुबह 7:00 से रात के 9:00 बजे तक है।
- वशिष्ठ मंदिर में स्नान का समय सभी दिन सुबह 7:00 से 1:00 तक और दोपहर 2:00 से रात के 9:00 तक का है।
- वशिष्ठ मंदिर मैं जाने के लिय कोई शुल्क नहीं लगती
- इस मंदिर के द्वार 12 महीने खुले रहते हैं, चाहे बारिश हो, गर्मी हो, या शीतकाल हो, आपको वशिष्ठ मंदिर के द्वार हमेशा खुले ही मिलेंगे वशिष्ठ मंदिर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। हालांकि मंदिर में जाते समय हमें मंदिर के नियमों का पालन और धार्मिक रीति रिवाज का सम्मान करना आवश्यक है।
आज मनाली में यह मंदिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है चाहे आप धार्मिक यात्री हो या इतिहास के शौकीन वशिष्ठ मंदिर के दर्शन जरूर करें।
वशिष्ठ मंदिर कैसे पहुंचे
वशिष्ठ मंदिर पहुंचने के लिए कहीं रास्ते हैं। अगर आप इस मंदिर में फ्लाइट से जाना चाहते हैं। तो मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर के पास हवाई अड्डा पड़ता है। जहां से 50 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर है। इसके अलावा ट्रेन के द्वारा भी आप वशिष्ठ मंदिर में जा सकते हैं। वशिष्ठ मंदिर के पास में पठानकोट स्टेशन है। जहां से कुछ दूरी पर ही वशिष्ठ मंदिर स्थित है। इसके अलावा यहां पर सुविधा के लिए टैक्सी वह मनाली में स्थित मिनी बस की सुविधा भी इस मंदिर तक पहुंचाहती है।
वशिष्ठ मंदिर में गर्म पानी के झरने

इन्हें वशिष्ठ गर्म पानी के नाम से भी जाना जाता है, यह प्राकृतिक झरने है। वही यहां के स्थानीय लोग इसे वशिष्ट कुंड भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है की इन झरनों में स्नान करने के बाद लोगों की कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है । वह इनमें स्नान करने के बाद लोग स्वच्छ और स्वस्थ रहते हैं। इन झरनों पुरुष और महिला दोनों ही स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा यहां के निवासी रोज सवेरे_सवेरे इन झरनों में स्नान करते हैं, जिससे वह एकदम स्वस्थ रहते हैं।
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किस टाइम पर जाए वशिष्ठ मंदिर में
अधिकतर लोग मार्च अप्रैल मई जून मैं ही मनाली जाने का प्लान बनाते हैं। क्योंकि गर्मी के मौसम में पहाड़ों में घूमने का एक अलग ही आनंद है। क्यों कि इस समय मौसम काफी सुहावना होता है। और दिन का तापमान 10°c से 25°c के बीच होता है।आप इस समय में हरे भरे दृश्य और सुहावना मौसम का आनंद ले सकते हैं। मानसून मतलब जुलाई से सितंबर के बीच के समय में या नहीं जाना चाहिए क्योंकि मनाली में मानसून की वजह से भारी बरसात होती है।
अक्टूबर से दिसंबर के बीच यहां जाने में एक आरामदायक वह सुखद आनंद आता है। यह मौसम काफी ठंडा होता है दिसंबर से फरवरी के बीच यहां सर्दी चरम सीमा पर होती है। इसलिए इन महोने में जाना उचित नहीं होगा, यदि आप बर्फबारी शीतकालीन का आनंद लेना चाहते हैं तो आप गर्मियों के महीने में यहां जाए क्योंकि उस समय यह इलाके काफी ठंडा और भरपूर आनंददायक होते हैं!