Udaipur Trip Plan : नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करने जा रहे एक ऐसे टूरिस्ट प्लेस की जिसे “झीलों का शहर” भी कहा जाता है। यदि आप अभी घूमने का प्लान बना रहे है तो उदयपुर आपके लिए सबसे बेस्ट जगह होने वाली है यहां पर आपको खूबसूरत झीलें, आकर्षित महल इत्यादि देखने को मिलेंगे।
यदि आप इतिहास में रुचि रखते है तो उदयपुर का गौरवशाली इतिहास आपको प्रभावित कर सकता है। यहां के भव्य मंदिर और किले और खूबसूरत नज़ारे आपकी वेकेशन में 4 चांद लगाने का काम करेंगे। उदयपुर को खास यहां की झीलें बनाती है इसीलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है।
Udaipur Trip Plan : यदि आप भी उदयपुर घूमने का प्लान बना लिया है तो आपके मन में सवाल आ रहा होगा की यहां पर कौन कौन सी ऐसी जगह है जहां आप घूम सकते है। तो हमारे प्रिय पाठकों आपको बता दे की आज के इस लेख में हम आपको उदयपुर की ऐसी 7 जगहों आप बनाने जा रहे है, जो दुनियाभर में लोकप्रिय है।
झीलों के शहर उदयपुर तक कैसे पहुंचे? : How to Reach Udaipur
उदयपुर तक पहुंचने तक मुख्य रूप से तीन तरीके है, सड़क, रेल और हवाई मार्ग। इन तीनों तरीको का इस्तेमाल करके आप आसानी से उदयपुर तक पहुंच सकते है। इन तीनों मार्ग के बारे में ज्यादा जानकारी कुछ इस प्रकार है :-
सड़क मार्ग : उदयपुर राजस्थान की राजधानी जयपुर से 397 KM दूर है जहां से आप अपनी कार या लोकल बस की सवारी करके आसानी से पहुंच सकते है। राजस्थान की रोड कनेक्टिविटी आपके सफर को और आसान बना देगी। आप गूगल मैप पर जाकर अपने शहर से उदयपुर की दूरी को आसानी से देख सकते है।
रेल मार्ग : उदयपुर के लिए रेल मार्ग भी काफी आसान है रोजाना कई शहरों से उदयपुर के लिए ट्रेनें चलती है। जिसके माध्यम से आप आसानी से उदयपुर आ सकते है। यदि बात करें दिल्ली की तो यहा से चेतक एक्सप्रेस, मेवाड़ एक्सप्रेस रोजाना चलती है, इसके अलावा उदयपुर सिटी एक्सप्रेस, राजस्थान हमसफर जैसी ट्रेनें वीकली चलती है।
हवाई मार्ग : यदि आप हवाई जहाज से उदयपुर जाना चाहते है तो देशभर के कई शहरों से यहां की सीधी फ्लाइट चलती है। जिसके माध्यम से आप एक आरामदायक सफर का मजा लेकर उदयपुर पहुंच सकते है। बता दे की उदयपुर का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट शहर के 20KM दूर है।
1. सिटी पैलेस (Udaipur Trip Plan)

नमस्कार दोस्तों आप सबसे पहले उदयपुर के सिटी पैलेस का रुख करें जो की रेलवे स्टेशन से करीब 3km की दूरी पर है, यह पैलेस उदयपुर की मशहूर पिछोला झील के तट पर स्थित है। इस महल का निर्माण 1559 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह के द्वारा करवाया गया था, इस महल को बनवाने में कई राजा महाराजाओं ने अपना योगदान दिया है कहा जाता है की इस महल को बनवाने में कुल 400 वर्षों का समय लगा है।
यह शाही पैलेस मध्यकालीन यूरोपीय और भारतीय वास्तुकला के मिश्रण का एक अद्भुत नमूना है, जिससे यह और भी खास हो जाता है। इस शाही पैलेस में कई टावर, गुम्बद, मेहबाद इत्यादि हैं। इस हेरिटेज साइट में आंगन, मंडप, छत, गरियारे, दिवारे, बगीचे इत्यादि से बना हुआ है।
पैलेस खुलने का समय | सुबह 9:30 बजे |
पैलेस बंद होने का समय | शाम 5:30 बजे |
घूमने का कुल समय | करीब 2:00 घंटे |
एंट्री फीस | बड़ो के लिए : 250 रु. बच्चों के लिए : 100 रु. |
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2. पिछोला झील (Udaipur Trip Plan)

यदि आप उदयपुर आ रहे है तो आपकी लिस्ट में पिछोला झील होनी ही चाहिए, यह झील उदयपुर रेलवे स्टेशन से करीब 2.5 KM दूर है। इस झील का निर्माण सन 1362 ईस्वी में महाराणा लाखा के शासन काल में आदिवासी पीच्छू बंजारा द्वारा करवाया गया था। यह झील भारत के सबसे खूबसूरत झील में शुमार है, इस झील की खास बात यह है की यह झील शहर के बीचोबीच पहाड़ियों, मंदिरों और महल से घिरी हुई है।
उदयपुर में पिछोला झील के किनारों पर कई मंदिर, महल, परिवारिक हवेलियां स्नान घाट, चबूतरे इत्यादि विकसित है। जब इनकी परछाई झील पर पड़ती है वह दृश्य अति मनोरम लगता है। यदि आप सूर्यास्त या सूर्योदय के वक्त घूमने जाते है तो हनुमान घाट, लाल घाट और घंगोर घाट से सूर्यास्त और सूर्योदय के आकर्षित दृश्य का लाभ उठा सकते है।
बोटिंग करने का समय | सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक |
घूमने का समय | 1 से 2 घंटे |
बोटिंग फीस | बड़ो के लिए 400 रु. बच्चों के लिए 200 रु. |
सूर्यास्त या सूर्योदय के लिए बोटिंग फीस | बड़ो के लिए 700 रु. बच्चों के लिए 200 रु. |
3. जगदीश मंदिर (Udaipur Trip Plan)

उदयपुर सिटी पैलेस की परिसर में बना जगदीश मंदिर शहर के सभी शीर्ष पर्यटन स्थल में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है जिसे सब 1651 ईस्वी में तत्कालीन महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर उदयपुर के सबसे बड़े मंदिरों में अपना प्रथम स्थान बनाए हुए है।
इस मंदिर को इंडो आर्यन शैली की वास्तुकला में बनाया गया है। यह दो मंजिला मंदिर करीब 50 स्तंभ पर टिका हुआ है मंदिर की दीवारों और छतों पर हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई गई है। यह मंदिर हमारी संस्कृति एवं वास्तुकला का एक जीता जागता नमूना है, इस मंदिर का प्रवेश द्वार सिटी पैलेस बारा पोल से 150 मीटर की दूरी पर स्थित है।
बोटिंग करने का समय | सुबह 5:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक |
घूमने का समय | 30 मिनट से 1 घंटे |
प्रवेश फीस | नि:शुल्क |
4. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस (Udaipur Trip Plan)

सफेद संगमरमर से बना सज्जनगढ़ दुर्ग एक खगोलीय केंद्र के भी जाना जाता है। इस महल का निर्माण महाराणा सज्जन सिंह के द्वारा शुरू करवाया गया था, तब महाराणा का उद्देश्य इस महल को नौ मंजिला बनाने का था लेकिन उनकी आकस्मिक मृत्यु होने के कारण इस धरोहर स्थल का निर्माण कार्य उनके उत्तराधिकारी महाराणा फतेह सिंह द्वारा करवाया गया।
इस महल को शाही परिवार के लिए रिसॉर्ट और मानसून के समय बादलों पर नजर रखने के लिए बनाया गया था। इस महल को संगमरमर के स्तंभ के उपर बनाया गया है, जिसमे फूल पत्तियों की अद्भुत पेटिंग निखारी गई है, महल से प्राकृतिक सौंदर्य के कई अनोखे नजारे देखे जा सकते है।
खुलने का समय | सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक |
घूमने का समय | 1 से 2 घंटे |
एंट्री फीस | भारतीय – 100 रु. विदेशी – 800 रु. |
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5. लेक पैलेस (Udaipur Trip Plan)

महाराणा जगत सिंह द्वितीय के द्वारा सन 1743 ईस्वी में लेक पैलेस की निर्माण कार्य शुरू करवाया गया, जिसे पिछोला झील के किनारे बनवाया गया था। यह पैलेस आज तक उदयपुर के शीर्ष के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेक पैलेस पहले जग निवास के नाम के प्रसिद्ध हुआ करता था। लेकिन अब इसे लेक पैलेस के नाम से जाना जाता है।
लेक पैलेस आज शाही होटलों में दुनिया भर में कुख्यात है, यह एक बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन भी है। यदि आप लेक पैलेस को घूमना चाहते है आपके लिए रात्रि का समय सबसे बेहतरीन होने वाला है। यदि आप उदयपुर जा रहे है तो लेक पैलेस पर विजिट जरूर करें।
खुलने का समय | सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक |
घूमने का समय | 1 से 2 घंटे |
एंट्री फीस | 500 रु. |
6. शिल्पग्राम (Udaipur Trip Plan)

सज्जनगढ़ पैलेस से करीब 7KM की दूरी पर स्थित शिल्पिग्राम एक ग्रामीण कला और शिल्प परिसर है। यह उदयपुर के हवाला गांव के पास स्थित है। शिल्पिग्राम का उद्घाटन वर्ष 1989 में राजीव गांधी के द्वारा किया गया था, आदिवासी लोगो की जीवन शैली को दर्शाने वाला यह शिल्पी ग्राम करीब 70 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। शिल्पी ग्राम चारो ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है।
शिल्पी ग्राम के परिसर में करीब 8 हजार लोगो के बैठने कि जगह है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को ग्रामीण कला और शिल्प ग्राम से अवगत कराना है। प्रत्येक वर्ष 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक शिल्पी ग्राम में शिल्प ग्राम महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
बोटिंग करने का समय | सुबह 11:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक |
घूमने का समय | 1 से 2 घंटे |
एंट्री फीस | भारतीय – 30 रु. विदेशी – 50 रु. |
7. कुंभलगढ़ किला (Udaipur Trip Plan)

दोस्तों कुंभलगढ़ दुर्ग के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा जो अपने गौरवपूर्ण इतिहास के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा के द्वारा सन 1458 ईस्वी में शुरू करवाया गया था, जिन्होंने के नाम पर ही इसका नाम कुंभलगढ़ रखा गया है।
यह किला शहर से करीब 64KM की दूरी पर है, जो समुंद्र तट से करीब 1900 मीटर ऊपर पहाड़ियों पर बनाया गया है। खास बात यह है की इस किले के चारो ओर करीब 30KM लंबी एक दीवार बनाई गई है, जो शत्रु के आक्रमण से दुर्ग की रक्षा करती है।
इस किले में वास्तुशिल्प कला का प्रयोग इसे बेहद खूबसूरत बनाता है, यदि आप भी उदयपुर के आस पास कोई परिवारिक पर्यटन स्थल की तलाश में है तो कुंभलगढ़ किले को अपनी सूची में शामिल करना ना भूले।
खुलने का समय | सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक |
घूमने का समय | 2 से 3 घंटे |
एंट्री फीस | भारतीय – 100 रु. विदेशी – 200 रु. |
उदयपुर की इस ट्रीप में कितना होगा खर्चा?
दोस्तों इन सभी जगह को आप अच्छे तरीके से घूमते है और इंजॉय करते है तो आपकी यह पूरी ट्रिप 2 या 3 दिन की होनी चाहिए। जिसमे आपको एक होटल बुक करनी हो को आपको 4 से 5 हजार रुपए (अनुमानित) में मिल जायेगी, जिसके बाद आपके खाना पीने का खर्चा अलग है। इसके अतिरिक्त किराए और घूमने फिरने के सभी खर्चा मिलाकर यह ट्रिप आपको 10 से 12 हजार रुपए की हो सकती है।
यदि आप 3-4 दोस्त इस ट्रिप पर जाते है तो कई खर्चे आपस में बट जाते है जिस वजह से यह ट्रिप आपके लिए और सस्ती हो जायेगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार आप अपनी उदयपुर ट्रिप का प्लान बना सकते है। ऊपर बताई गई जगह में आप उदयपुर के अन्य पर्यटन स्थल जैसे नेहरू गार्डन, हल्दीघाटी, सहेलियों की बाड़ी, फतेह सागर झील, बांगोर की हवेली, करणी माता मंदिर इत्यादि को भी जोड़ सकते है।
यह ट्रिप आपके लिए एक अद्भुत ट्रिप होने वाली है। जहां पर आपको उदयपुर के ऐतिहासिक स्मारक से लेकर भारतीय वास्तुकला और उदयपुर के इतिहासिक जानकारी से अवगत कराएगी, उदयपुर जाने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च बीच का है।
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